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झूठे मामले में फंसाई गई लड़की शादी के दिन बरी
नई दिल्ली। अदालत से एक लड़की को ऐसा तोहफा मिला कि शादी वाले दिन उसे एक झूठे मामले से बरी कर दिया गया । अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रमेश कुमार ने दिल्ली यातायात पुलिस के हैड कांस्टेबल सुंदर सिंह के साथ दुर्व्यवहार के झूठे मामले में फंसाई गई जागृति को बरी कर दिया। अदालत ने दिल्ली पुलिस के इस तर्क को खारिज कर दिया कि सिंह ने गलत दिशा में स्कूटर चला रही लड़की को रोका और जब वह चालान रसीद तैयार कर रहा था तो जागृति ने भागने की कोशिश की। सिंह ने यह भी दावा किया था कि जब लड़की ने भागने की कोशिश की तो उसने उसके वाहन को पीछे से पकड़ लिया। इससे वह कुछ दूरी तक घिसटता चला गया और उसे गंभीर चोटें आईं तथा घटनास्थल पर बहुत से लोग एकत्र हो गए। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कुमार ने हालांकि कि उल्लेख किया कि अपनी चिकित्सा जांच के दौरान सिंह ने उस समय भी लड़की का नाम नहीं बताया जब डॉक्टर ने उससे खास तौर पर पूछा कि उसे किसने घायल किया है । उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि उसे आरोपी के नाम की जानकारी थी। उसने अपने से हुई जिरह में स्वीकार किया था कि आरोपी ने उसे अपना नाम बताया था। फिर यह बात समझ नहीं आती कि हैड कांस्टेबल सुंदर ने डॉक्टर के सामने लड़की के नाम का खुलासा क्यों नहीं किया। अदालत ने यह भी उल्लेख किया कि जनता से किसी व्यक्ति को गवाह नहीं बनाया गया, जबकि घटना दिन में व्यस्त मार्ग पर हुई थी। दूसरी ओर, लड़की ने अपने तर्क में कहा था कि एक खास स्थान पर जाने के लिए उसने सिंह से रास्ता पूछा था, लेकिन उसने दुर्व्यवहार की कोशिश की और जब उसने विरोध किया तो कांस्टेबल ने उसे थप्पड़ जड़ दिया। उसने यह भी कहा कि जब घटनास्थल पर बहुत से लोग इकट्ठे हो गए तो उसे थाने ले जाया गया और झूठे मामले में फंसा दिया गया ।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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