Re: मुहावरों की कहानी
लोगों के शौकों का पता धीरे धीरे ही चलता है हाल ही में पता चला है कि भाजपा के नये अध्यक्ष नितिन गडकरी को मुहावरे दार भाषा बोलने का बहुत शौक है और इसी शौक के वशीभूत उन्होंने कह दिया कि लालू और मुलायम कुत्ते की तरह सोनिया जी के तलुवे चांटते है। अब ये बात काँग्रेसियों को कैसे हज़म हो सकती है कि उनके हक़ को दूसरी पार्टी के लोग हड़प जाएं। उन्होंने विरोध किया तो भारतीय संस्कृति के गौरव माननीय गडकरी जी ने कहा कि उन्होंने तो मुहावरे में कुत्ता कहा था। कल्पना करें कि अगर उन्होंने उक्त स्पष्टीकरण नहीं दिया होता तो हो सकता था कि लोग सोचते कि सोनिया जी के तलुवे इतने साफ सुथरे इसलिए रहते हैं। यह् रहस्य अब समझ में आया।
आदरणीय गडकरीजी जब मुहावरेदार भाषा का प्रयोग करते हैं तो उन्हें पता ही होगा कि हिन्दी में मुहावरों का भण्डार भरा हुआ है। इनमें से कुछ हैं- राम नाम जपना पराया माल अपना मुँह में राम बगल में छुरी राम मिलायी जोड़ी, इक अन्धा इक कोड़ी राम नाम ले हज़म कर गये, गौशाला के चन्दे इत्यादि मुहावरे कम पड़ जायें तो इस अकिंचन को सेवा का अवसर दें। आप जैसे मुहावरेदार महानुभाव की सेवा करके मुझे बड़ी खुशी होगी।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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