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Old 15-07-2011, 07:44 AM   #1
sach_mishra
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sach_mishra will become famous soon enough
Default महाप्रलय की दस्तक

कहाँ थे अब तक अब कहाँ आ गए हम ,किसकी बद दुआ जो तबाह हो गए हम |
जाने कहाँ खो गयी वो फीजायें, बिखरा सा मंजर सबको रुलाये |
वो पंक्षी का कलरव वो कोयल के गीत, मैं पाउगा कैसे अपने खोये मीत |
लुटा चूका हूँ कई बार मैं अपनी जवानी , नागासाकी हिरोशिमा की याद है कहानी| कोई जाके कह दे स्वयम प्रलयन्कर से, त्रिनेत्री कैलशी अमरनाथ शन्कर से।

उद्दाल दो समन्दर या धरा को हिला दो, प्रलय के है आदी प्रलय फ़िर बुल दो।
वजुद आज हमारा धरा से मिटा दो, या जापान की किस्मत से प्रलय ही मिटा दो|
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