Re: महायमराज
कलियुग के कृष्ण ने कहा- 'जिस प्रकार आत्मा अपने दूसरे जन्म में स्त्री या पुरुष- किसी भी लिंग में पैदा हो सकती है, ठीक उसी प्रकार यह 'अन्तर्जालीय आत्मा' भी किसी भी लिंग में अन्तर्जाल में पैदा हो सकती है। अन्तर सिर्फ इतना है- आत्मा को जन्म लेने के बाद अपने पूर्वजन्मों की याद बिल्कुल नहीं रहती किन्तु 'अन्तर्जालीय आत्मा' को अपने पूर्वजन्मों की सभी बातें अक्षरशः याद रहती हैं।'
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