Re: और आज की हमारी शख्सियत हैं
और आज की हमारी शख्सियत हैं (22 फ़रवरी)
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद / Maulana Abul Kalam Azad
भारतरत्न मौलाना अबुल कलाम आज़ाद
महान स्वतन्त्रता सेनानी, इस्लामिक स्टडीज़ के विद्वान, पत्रकार, समाज सुधारक, शिक्षाविद, कवि, लेखक व अनुवादक मौलाना आज़ाद का जन्म 11 नवम्बर 1888 को मक्का नगर में हुआ. इनके पूर्वज बाबर के समय अफगानिस्तान से भारत आये थे.
वे अरबी, फारसी, उर्दू, बंगला, हिंदी और अंग्रेजी के अच्छे जानकार थे और सामाजिक आर्थिक उन्नति के लिये उच्च शिक्षा के महत्व को बखूबी समझते थे. वे स्वयं इस्लामी मामलों के विद्वान थे और हर प्रकार के पाखंड का विरोध करते थ. कट्टरपंथी मौलवी, मुल्लाओं से वे बहुत दूर रहना चाहते थे।
सन 1912 में ‘अलहिलाल’ निकाला और 1914 में ‘अल बलाग’ नामक पत्र निकाले जिसने हिन्दू मुस्लिम एकता और लोगों में राष्ट्रवाद का खुल कर प्रचार प्रसार किया तथा लोगो में नयी जाग्रति की लहर पैदा करने का काम किया. लेकिन सरकार के खिलाफ लिखने के जुर्म में इनको रांची (झारखंड) में 4 वर्ष तक जेल में कैद रहना पड़ा. 1930 में महात्मा गाँधी के साथ नमक क़ानून तोड़ने पर उन्हें डेढ़ वर्ष कारावास की सजा मिली.
उनकी लिखी पुस्तकों में इंडिया विन्स फ्रीडम, क़ुरान शरीफ़ का अरबी से उर्दू में अनुवाद, तर्जुमन-ए-क़ुरान, ग़ुबारे-ए-खातिर, हिज्र-ओ-वसल, खतबात-ल-आज़ाद, हमारी आज़ादी और तजकरा.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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