तुम्हारे सिवा कोई सूरत ही याद नहीं
ग़ज़ल
इश्क़ बदहवास करने लगा है अब
तुम्हारे और पास करने लगा है अब
(बदहवास —— बेसुध)
तुम बिन तो ये इक – इक पल जा’ना
बहुत ही उदास करने लगा है अब
Shayar: #SunnySinghAkash
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Last edited by rajnish manga; 13-11-2016 at 07:51 PM.
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