29-12-2014, 04:38 PM
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Special Member
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Re: ऑनलाइन मुफ्त कमाई : सच या धोखा ...
वर्ष 2000 की शुरुआत में भी एक साधारण से एचटीएमएल वेबसाइट ‘सक्सीड इंडिया’ ने ‘ऑनलाइन पैसे बनाने के सीक्रेट्स बताने वाली ई-किताब’ के नाम पर प्रति-किताब 800 रु. तक लिया। इसमें साइट की मार्केटिंग (पोंजी योजनाएं) में काम करना भी ऑफर किया गया था। इसके लिए यूजर्स को ब्रांडेड उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए और लोगों को जोड़ना था। लोग मार्केटिंग के प्रचार में इस्तेमाल किये गए शब्दजाल से आश्वस्त थे - जैसे गूगल ऐडवर्ड्स और गूगल के द्वारा भुगतान की गई बड़ी राशि के चेक की स्कैन कॉपी देना आदि। साइट अभी भी सक्रिय है लेकिन लोग अब पहले से स्मार्ट हो गए हैं।
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मेरी चित्रशाला : दिल दोस्ती प्यार ....या ... .
तुमने मजबूर किया हम मजबूर हो गये ,...
तुम बेवफा निकले हम मशहूर हो गये ..
एक " तुम " और एक मोहब्बत तेरी,
बस इन दो लफ़्ज़ों में " दुनिया " मेरी..
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