Re: पर्वतीय पर्यटक स्थल: ऊटी
कोलाकाता की, शहरी भाग-दौड़ की ज़िन्दगी, तपती गरमी और उमस भरे वातावरण से हटकर ऊटी जैसे सुरम्य हिल स्टेशन पहुंचना हमारे लिए एक असीम आनंद की अनुभूति प्रदान करने वाला था। प्रकृति के सान्निध्य में कुछ क्षण सुकून के बिताने का अवसर वर्णनातीत है। अंग्रेज़ों ने तो जिस जगह की जलवायु और मौसम को इंगलैंड के ही समान माना था, उस जगह की सुरम्य वादियों का अनछुआ नैसर्गिक सौन्दर्य बरबस ही हमारा मन मोह ले रहा था। धुंध से ढ़की घाटियां और शीतलता प्रदान करता वातावरण मन में रूमानी अनुभूतियों का मेला सा लगाता प्रतीत होता रहा।
इस नगर को पहले ऊटकमंडलम के नाम से जाना जाता था। बाद में बिगड़कर के ऊटी हुआ। ऊटी के जिन स्थलों को हमने देखा उनमेंबोटेनिकल गार्डेनने काफ़ी प्रभावित किया। ट्वीडेल के मार्कुएस ने 1897 में 55 एकड़ में फैले इस उद्यान की नींव रखी थी। पेड़-पौधों में रुचि रखने वालों के लिए यह तो स्वर्ग ही है। इस उद्यान में 650 से अधिक प्रजातियों के पौधे हैं। कुछ तो बहुत ही दुर्लभ प्रजाति के हैं। इसमें बीस मीलियन वर्ष पुराना एक फ़ौसिल भी है। पूरा बाग बहुत ही करीने से सजाया गया है। इसके सैर करने की लुत्फ़ बड़ा ही मनभावन है।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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