तर्क-वितर्क
यदि आप चाहते हैं- आपको सभी नापसन्द करें, आपसे नफ़रत करें, आपके पीठ पीछे आपको गाली दें, भला-बुरा कहें और आपके लिए गड्ढ़ा खोदें, तो आज से ही तर्क-वितर्क द्वारा लोगों की बात काटना, उनकी आलोचना करना और उनके झूठ को पकड़ना शुरू कर दें। आप देखेंगे कि हमारे इस 'अद्वितीय फॉर्मूले' पर अमल करके बहुत जल्दी आपके कई जानी दुश्मन बन गए हैं और आपके ख़िलाफ़ दुश्मनों की एक लम्बी-चौड़ी फ़ौज़ खड़ी हो गई है! यही नहीं, आप ऐसा अनुभव करेंगे कि आप इन दुश्मनों के कारण विख्यात से कुख्यात बनने की दिशा में तीव्र गति से अग्रसित होने लगे हैं. यह कटु सत्य है- किसी को जानी दोस्त बनाने के लिए यदि एक साल का समय लगे तो किसी को जानी दुश्मन बनाने के लिए एक सेकेण्ड का समय काफ़ी होता है। इसीलिए तो हिन्दी में एक प्रचलित लोकोक्ति भी है- 'बातहिं हाथी पाइए, बातहिं हाथी पाँव'।
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