Re: गुदगुदाते, चुटीले और मजेदार चुटकुले (Jokes)
मुल्ला नसरुद्दीन की पत्नी बीमार थी। मरने के करीब थी। डाक्टर को नसरुद्दीन ने बुलाया। मरने के करीब थी पत्नी, बीमारी खतरनाक थी, तो डाक्टर ने कहा कि इलाज जरा महंगा है।
नसरुद्दीन ने कहा कि कितना ही महंगा हो, मैं सब चुकाऊंगा; अपना सब घर बेचकर चुकाऊंगा। लेकिन इसे बचाओ। तो डाक्टर ने कहा कि और यह भी हो सकता है, यह न बचे। तो नसरुद्दीन ने कहा कि अगर तुम बचा सको तो, और तुम मार डालों तो, जो भी खर्च होगा, वह तो मैं चुकाऊंगा ही।
फिर डाक्टर इलाज में लग गया। सात दिन बाद पत्नी मर गई। काफी खर्च हुआ। डाक्टर ने बिल भेजा। तो नसरुद्दीन ने कहा कि ऐसा करें कि हम गांव के पुरोहित के पास चले चलें। डाक्टर ने कहा, क्या मतलब? नसरुद्दीन ने कहा, मैं गरीब आदमी हूं यह बिल पुरोहित जैसा कह देगा, वैसा कर लेंगे।
पुरोहित के पास नसरुद्दीन गया। पुरोहित के सामने नसरुद्दीन ने कहा कि डाक्टर बोलो, हमारी क्या शर्त थी? तो डाक्टर ने कहा, शर्त थी हमारी कि मैं बचाऊं या मारूं, दोनों हालत में तुम मूल्य चुकाओगे।
तो नसरुद्दीन ने कहा, तुमने मेरी पत्नी को बचाया? तो डाक्टर ने कहा कि नहीं। तो नसरुद्दीन ने कहा, तुमने मेरी पत्नी को मारा? तो डाक्टर ने कहा कि नहीं। तो नसरुद्दीन ने कहा कि किस समझौते के बल पर ये पैसे मांग रहे हो? किस हिसाब से? न तुमने बचाया, न तुमने मारा। और मैंने कहा था, बचाओ या मारो, दोनों हालत में पैसे चुका दूंगा।
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