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भ्रष्ट बाबुओं के खिलाफ कार्रवाई का फैसला समय पर हो : सतर्कता आयोग
नई दिल्ली। आईएएस अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी देने में अनचाही देरी से खफा केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने सम्बद्ध विभागों से कहा है कि इस तरह के आग्रहों पर समय से फैसला सुनिश्चित किया जाए। आयोग ने इसके साथ ही यह भी कहा है कि अभियोजना प्रस्तावों के साथ पूरे सम्बद्ध दस्तावेज नहीं होते जिस कारण सक्षम अधिकारी कोई फैसला करने की स्थिति में नहीं होती और मामले में देर हो जाती है। आयोग के एक अधिकारी ने कहा कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं जबकि विभाग अभियोजन की मंजूरी चाहने वाले आग्रह के साथ विधि व प्रवर्तन एजेंसियों से पर्याप्त दस्तावेज नहीं होने की शिकायत करते हैं। इसके बाद राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेश शासन, कार्मिक कार्य विभाग , गृह मंत्रालय , पर्यावरण मंत्रालय तथा सीबीआई को दिशा निर्देश जारी किए गए। इन दिशा निर्देशों में सभी सम्बद्ध विभागों से कहा गया है कि वे इस बारे में उच्चतम न्यायालय के दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन करें और अभियोजन की मंजूरी पर फैसला कुछ ही महीने में कर लें। इसके अनुसार इस तरह की मंजूरी में देरी से प्रक्रिया पूरी होने में देरी होती है। इस तरह की देरी लोकसेवकों का मनोबल प्रभावित होता है। ताजा आंकड़ों के अनुसार भ्रष्टाचार के आरोपी 45 अधिकारियों से जुड़े 29 मामले कई महीने से मंजूरी के इंतजार में पड़े हैं।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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