Quote:
Originally Posted by VARSHNEY.009
ยท यदिअसंतोषकीभावनाकोलगनवधैर्यसेरचनात्मकशक्तिमेंनबदलाजाएतोवहख़तरनाकभीहोसकतीहै।
- इंदिरागांधी
|
मित्र वार्ष्णेय जी, कृपया जांच करें कि लिखा जा रहा वाक्य jumble के समान दिखाई दे रहा है अर्थात किन्हीं भी दो शब्दों के बीच में स्पेस नहीं दिया गया. बाकी पोस्टों में भी कृपया चैक कर लें.
नीचे संपादित वाक्य दिया जा रहा है:
यदि असंतोष की भावना को लगन व धैर्य से रचनात्मक शक्ति में न बदला जाए तो वह ख़तरनाक भी हो सकती है।
- इंदिरा गांधी[/QUOTE]