Re: गधा माँगे इन्साफ़
यह सुनकर गधा प्रसन्नतापूर्वक जाने लगा तो देवराज इन्द्र ने कहा- ’ऐसे कहाँ जा रहे हो, गधे? आज मेरा जन्मदिन है। जन्मदिन का महाभोज खाकर जाओ।’
यह सुनकर गधा देव-वाहन दीर्घा में जाकर दूसरे जानवरों के साथ बैठ गया। गधे की समस्या का निदान होते ही रम्भा, मेनका, ऊर्वशी और तिलोत्तमा ने अन्य अप्सराओं के साथ नृत्य करना आरम्भ कर दिया। उसी समय ’नारायण-नारायण’ की आवाज़ के साथ नारद ने देवराज इन्द्र के दरबार में प्रवेश किया और देवराज इन्द्र को बहुत बड़ा सा गिफ्ट पार्सल देते हुए कहा- ’जन्मदिन मुबारक हो, देवराज इन्द्र।’
|