Re: साक्षात्कार
क्या वाकई हमारी परम्परा महान है अथवा हम उसका सिर्फ ढिंढोरा पीटते हैं? आपका क्या ख़याल है इस विषय में?
परंपरा केवल एक तत्व नहीं है। कई तत्वों का संग्रह है। इसमें कुछ अच्छे हैं आज, इस जमाने में भी, और कुछ इस युग में असंगत हो गए हैं या बुरे हैं। भारत के लोग भी एक जैसे नहीं हैं। कुछ बुरे लोग हैं जो यह हरकतें करते हैं पर सारा समाज इनके खिलाफ़ आवाज़ उठाता भी है। किसी ने भी इन हरकतों को उचित नहीं ठहराया, यह कहकर, कि ये हमारी परंपरा है। केवेल कुछ लोगों की हरकतों के कारण सारे देश, सभी परंपराएं, और पूरी आबादी को मैं दोषी नहीं कहूँगा।
अमरीका में भी कई अप्रिय घटनाएं हुई हैं (स्कूलों में गोलीबारी की घटनाएं)। लेकिन इसके कारण अमरीकी स्कूलों के बारे में, मेरी राय प्रभावित नहीं हुई है।
देश में जब ज्यादा से ज्यादा लोग शिक्षित होंगे और सोचकर वोट करेंगे, ऐसे नेता अपने आप लुप्त हो जाएंगे।
शायद इसमें कई साल लगेंगे, पर मैं आशावादी रहूँगा।
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