Re: गधा माँगे इन्साफ़
यह सुनकर लक्ष्मी से चुप नहीं रहा गया। लाखों-करोड़ों साल की दिल की भड़ास को निकालते हुए लक्ष्मी ने चिल्लाते हुए ब्रह्मा से कहा- ’अरे डिवोर्स नहीं हुआ तो क्या हुआ? तेरी शादी को मानता ही कौन देवता है, अधर्मी ब्रह्मा? तूने काम ही ऐसा किया है। अपनी ही पुत्री सरस्वती से जबरदस्ती विवाह कर लिया! इसीलिए तो सभी देवताओं ने मिलकर तुम्हें श्राप दे दिया कि तुम्हारी पूजा-अर्चना धरती पर कहीं नहीं होगी। तुमने बहुत हाथ-पैर जोड़ा, रोए-गिड़गिड़ाए। तब जाकर बड़ी मुश्किल से धरती पर अपना एक ही मन्दिर चलाने की परमीशन मिली है तुम्हें। ज़्यादा पकर-पकर करोगे तो वो भी बन्द करवा दूँगी। अपना काला मुँह लेकर इन्द्र दरबार में आने की हिम्मत कैसे हुई तुम्हारी? तुम्हें देवराज इन्द्र ने अपने जन्मदिन का कार्ड भेजा कैसे? तुम्हें तो देवता समाज से कभी का निकाला जा चुका है।’
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