Re: गधा माँगे इन्साफ़
आपने इस सूत्र का नाम रखा है - "गधा माँगे इन्साफ़", जो संभवत: दिये गए कहानी का शीर्षक भी है।
हमरी खाली खोपड़ियाँ मे ई बात अभी तक नहीं घुसी कि कहानी मे आउर शीर्षक मे तालमेल का है?
कही हमही लोग उ गदहवा तो नहीं है - जो इंसाफ मांग रहे है।
राधाकृष्*णजी का एक ठो कहानी पढ़े थे, स्कुल मे - नाम था - "वरदान का फेर"
इस कहानी मे भी देवी देवता के संग एक तो मानव भी थे - बुधुदेव जी।
हास्य-व्यंग्य खुब था।
हास्य-व्यंग्य का होवे है? - तनिक जान लो कपिल शर्मा के ताऊ जी।
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