Re: हत्यारी पिस्तौल की तलाश
प्रभावी कार्यवाही करने के लिए बढ़ती हुई मांग को देखते हए, मेयर जोज़फ़ ऐलियाटो ने शान्ति बनाये रखने के लिए एक अपील जारी की, और सान फ्रांसिस्को वासियों को यकीन दिलाया कि पुलिस यथा शक्ति हत्यारों की शिनाख्त करने और उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही है. इसके बावजूद इस प्रकार की अफवाहें सुनाई देने लगी थीं कि क्रुद्ध श्वेतों के समूह अपने आपको हथियारों से लैस कर रहे हैं अश्वेत लोगों से बदला लेने की योजना बना रहे हैं. (पुलिस रेडिओ नेटवर्क पर अंतिम और सबसे कम प्रयुक्त होने वाले बैंड- ज़ेड या ज़ेब्रा चैनल- को इस केस में इस्तेमाल किया गया ताकि पुलिस बल के विभिन्न विभागों के बीच संचार को गुप्त रखा जा सके. प्रेस द्वारा भी इस अक्षर को अपना लिया गया जिससे हमलों की चर्चा ज़ेब्रा शूटिंग्स के रूप में की जाने लगी).
वर्ष 1974 के फरवरी और मार्च महीनों में हमले थम गये. इस समय को पुलिस द्वारा अपने बलों को पुनर्गठित करने में इस्तेमाल किया गया. मार्च 22 को बुलाई गयी एक मीटिंग में, पुलिस प्रमुख डोनाल्ड स्कॉट ने हत्याओं की जांच कर रहे वरिष्ठ अधिकारियों से मिल कर स्थिति का जायज़ा लिया.
हत्यारों को पकड़ने की हरचंद कोशिशों के बावजूद – पुलिस यह पता लगा चुकी थी कि इन सभी हत्याओं के पीछे बंदूकधारियों का वही दल काम कर रहा था – लेकिन नतीजा शून्य था. वे इन हत्याओं की गुत्थी सुलझाने की दिशा में उतनी ही दूर जा पाए थे, जितना पहली घटना के बाद पहुंचे थे. यह स्पष्ट था कि उन्हें इन हत्याओं की जांच करने वाले एक कार्य-दल की जरूरत थी जो अन्वेषण को हर स्तर पर नियंत्रित कर सके, उसका समन्वय और मूल्यांकन कर सके. सामान्य परिस्थितियों में हत्या के किसी केस की जांच का काम दो इंस्पेक्टरों को सौंपा जाता है जो संयुक्त रूप से काम करते हैं. अब तक हत्याओं के 14 केस हो चुके थे जो जांच के लिए सौंप दिये गये थे जिसमे बहुत सी टीमें एक जैसे कामों पर पृथक पृथक काम कर रही थीं, अक्सर उनका आधार भी एक होता. यहां तक कि वे अपने उद्देष्यों के खिलाफ काम करते प्रतीत होते. नई टीम का नेतृत्व विभाग द्वारा हत्या मामलों के अपने दो सबसे अनुभवी विशेषज्ञ इंस्पेक्टरों को सौंपा गया.
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