Re: सी की दुनिया
उपर्युक्त प्रोग्रामिंग भाषा की कमी ने केन थौमसन (बेल लैब के इंजीनीयर, जो मल्टिक्स प्रोजेक्ट का हिस्सा थे) को एक नई किस्म की प्रोग्रामिंग भाषा को विकसित करने की प्रेरणा दी (यह भाषा B नाम से बनी, अब यह विलुप्ति के कगार पर है)। पर यह B भी, जो नये किस्म के औपरेटिंग सिस्टम का लक्ष्य था, उसे पुरा न कर सकी। डेनिस रिची तब AT&T में अपनी युनिवर्सीटी से एक रीसर्च स्कौलर के रुप में आए थे और उन्हें केन थौम्सन के साथ काम करना था। रिची ने प्रोजेक्ट को समझा और फ़िर केन के B भाषा को भी। फ़िर उन्होंने यह नयी भाषा बनाई - C. इन प्रोग्रामिंग भाषाओं के ऐसे विचित्र नामकरण के पीछे भी कहानी है। असल में केन ने अपनी भाषा B, एक पूर्व विकसित भाषा, मार्टिन रिचर्ड्स की BCPL (Basic Combined Programming Language)पर आधारित रखी थी और इसी भाषा के नाम के पहले अक्षर "B" को अपनी नयी भाषा का नाम बनाया। और जब रिची ने B पर आधारित नई भाषा बनाई तो उन्होंने इसी परम्परा का पालन किया और BCPL के अगले अक्षर "C" को अपने भाषा का नाम दिया। (आगे जब AT&Tके हीं जार्ने स्ट्राउस्ट्रुप ने जब C भाषा पर आधारित एक नई भाषा बनाई (हम आप इस भाषा को आज C++के नाम से जानते हैं), तो कई ने कहा की इसे BCPL के आधार पर P कहा जाए तो कई ने कहा कि B के बाद C तो अब इसको D कहा जाए। (वैसे D नाम की भी एक प्रोग्रामिंग भाषा है)
रिची के इस C जो एक ३G प्रोग्रामिंग भाषा है, में जब ओपरेटिंग सिस्टम लिखा गया तो इसका नाम हुआ UNIX, इसके बाद Unix और C की जुगलबंदी ने कंप्युटिंग की दुनिया हीं बदल दी और आज कंप्युटर कई रुपों में हमारे चारो तरफ़ मौजुद है। कहते हैं कि जिस रफ़्तार से कंप्युटिंग का विकास हुआ, अगर यही रफ़तार औटोमोबाईल की दुनिया में होता तो आज रोल्स-रायस आकार और कीमत में माचिस की डिब्बी की तरह होता...........
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