यहाँ कोई दंगा नहीं हो रहा है और न ही किसीने संयम खोया है, सिर्फ एक चर्चा हो रही थी/ आप से आग्रह है कि शब्दों का प्रयोग हजार बार सोच कर करें ताकी विषय पर ही बातें हो सकें, आपका एक शब्द चर्चा का बाजा बजा सकता है अतः अपनी सोच को अपने तक ही सीमित रखें तब तक जब तक की विषय समझ में न आये/
धन्यवाद
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Quote:
Originally Posted by aksharma
आप सभी को संयम बरतने की सलाह देते हुए बस यही कह सकता हूँ.
"जो रहीम उत्तम प्रकृति, का कर सकत कुसंग.
चन्दन विष व्याप्त नहीं, लिपटे रहत भुजंग. "
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