View Single Post
Old 18-06-2014, 05:57 PM   #8
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: गंगा से कावेरी तक

ट्रेन आगे बढ़तीजा रही है। शाम का धुँधलका गहराता जा रहा है। गुंटूर अभी आया नहीं है। चेन्नै पहुँचने से पहले उसे फिर याद आएगी नीरा और दीप्ति। नीरा उसकी पत्नी होने के नाते उसे याद कर रही होगी। वह घर के काम और दो छोटी-छोटी प्यारी बच्चियों में उलझी होगी। और दीप्ति, उसकी याद बिसरा कर अपने घर की स्वतंत्र दुनिया में लीन हो चुकी होगी। हर बार ऐसा ही होता है तपन के साथ। भावनाओं की रौ में बढ़ता तपन पीछे छूट जाता है और दीप्ति आगे बढ़ जाती है।वह सोचता है हंसराज रहबर के नायक की तरह किसी लड़की से शादी कर लेना भर तो क्रांति नहीं हो सकती। न ही भावनात्मक आकर्षण कोई क्रांति कर सकता है।

एक क्षणिक विद्रोह वह अवश्य कर सकता है। शारीरिक आकर्षण खत्म हो जाने के बाद विद्रोह आत्म-विद्रोह का रूप ले लेता है। शादी और तलाक, क्रांति के बीज बस इन्हीं घटनाओं में तो निहित नहीं है। बल्कि क्रांतिके बीज तो सामाजिक स्थितियों के दबाव के कारण, वैज्ञानिक समझ के विकास मेंबद्धमूल होते हैं। प्रेम इन स्थितियों को तेज या मंदा कर सकता है। नीरा इन स्थितियों में तपन की मदद नहीं कर सकती। उसे सामाजिक क्रांति से कोई सरोकार नहीं। और दीप्ति इन कठिन स्थितियों की चुनौती शायद स्वीकार नहीं करेगी। इस बार वह बदली हुई जरूर लगी थी, पर साथ-साथ वह चल पाएगी इसमें तपन को संदेहथा। साथ चलने का मतलब था काँटों पर चलना। दिखावे, चमक और कल्पनाओं की दुनिया से दूर, यथार्थ के साथ साक्षात्कार कर समाज और व्यक्ति की सही भूमिका तय करना, यह सब हर कोई नहीं करना चाहेगा। तपन चाहता था कि जमीन और सही विचारधारा से जुड़ी किसी लड़की से शादी करे । उसे ऐसा मौका नहीं मिल सका, पर कोई बात नहीं यह उतना आवश्यक भी नहीं।
>>>
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)

Last edited by rajnish manga; 18-06-2014 at 06:03 PM.
rajnish manga is offline   Reply With Quote