Re: सफलता के सूत्र :: देवराज के साथ
यदि ऐसा नहीं किया गया और वस्तु-स्थिति की उपेक्षा की गई तथा केवल हवाई महल चुनते रहा गया तो शेखचिल्ली की तरह उपहासास्पद बनना पड़ता है। शेखचिल्ली की कहानी बहुश्रुत है जिसमें एक मजदूर ने तेल ढोने की मजदूरी से मिलने वाले पैसों से मुर्गी, बकरी, भैंस खरीदकर मालदार बनने, अमीर औरत से शादी करने, बच्चा होने और बच्चे को झिड़की लगाने का सपना देखा था और बच्चे को झिड़की देने के आवेश में घड़ा फोड़ बैठा था तथा रंगीन सपना गंवाकर मालिक द्वारा दुत्कारा, धमकाया और निकाल दिया गया था।
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मेरी चित्रशाला : दिल दोस्ती प्यार ....या ... .
तुमने मजबूर किया हम मजबूर हो गये ,...
तुम बेवफा निकले हम मशहूर हो गये ..
एक " तुम " और एक मोहब्बत तेरी,
बस इन दो लफ़्ज़ों में " दुनिया " मेरी..
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