Re: और आज की हमारी शख्सियत हैं
और आज की हमारी शख्सियत हैं (25 October)
साहिर लुधियानवी / Sahir Ludhianvi
उनकी नज़्म 'ताजमहल' एक कालजयी रचना है.
उनके लिखे कुछ भावपूर्ण गीत:
- आना है तो आ"
- "अल्लाह तेरो नाम ईश्वर तेरो नाम"
- "चलो एक बार फिर से अजनबी बन जायें"
- "मन रे तु काहे न धीर धरे"
- "मैं पल दो पल का शायर हूं"
- "यह दुनिया अगर मिल भी जाये तो क्या है"
- "ईश्वर अल्लाह तेरे नाम"
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
Last edited by rajnish manga; 25-10-2017 at 11:28 PM.
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