Re: शादी के बाद नौकरी
लड़की के पढ़ी लिखी होने का मतलब सिवाय नौकरी के और कुछ नहीं है क्या? लड़की नौकरी करेगी तो घर में ज्यादा आमदनी होगी , ज्यादा खर्च करने की क्षमता होगी , ज्यादा आरामदायक जीवन जी सकेंगे , घर में ज्यादा साजो सामान होगा , परन्तु कभी सोचा है की बच्चों की देखभाल कौन करेगा , उन्हें संस्कार कौन देगा , उन्हें सही और गलत कौन बताएगा , क्योंकि माँ बाप के पास तो उनके लिए समय ही नहीं होता है या फिर अगर माँ बाप बच्चों की देख भाल करते है तो वे अपने कार्य पर पूरा ध्यान नहीं दे पते है , आप देख सकते है जो कामकाजी महिलाये है वे कितना समय कार्य को व् कितना समय घर को देती है बल्कि उन्हें दोहरी जिन्दगी जिनी पड़ती है तो इन सबकी जगह अगर वे सिर्फ अपने घर ही ध्यान दे व् पढ़ लिख कर अपने घर को ही बेहतर ढंग से चलायें तो घर परिवार भी खुश व् महिला भी अपना जो कार्य इश्वर ने उन्हें सोंपा है वे उसे बेहतर तरीके से कर सकती है
एक पहलु और भी है ( यह सिर्फ मेरा मत है ) महिला को नौकरी उसी शर्त में करनी चाहिए जब उसे अकेले घर चलाने के लिए मजबूर होना पड़े अर्थात जब पति न हो वर्ना एक महिला के नौकरी नहीं करने से एक जगह बचती है और वह एक लड़के को मिलती है तो उससे एक परिवार का पेट पलता है जबकि एक महिला का नौकरी करने से सिर्फ ( जहाँ पति पत्नी दोनों नौकरी करते है ) घर में मात्र सुख सुविधा बढती है उधर एक परिवार पलने से वंचित हो जाता है , हमारा देश अभी बहुत बेरोजगारी से जूझ रहा है ऐसे में सिर्फ जरुरत मंद महिलायों को ही नौकरी देनी चाहिए .
|