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Old 29-01-2015, 08:59 PM   #24
rajnish manga
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Default Re: जयपुर लिट्रेचर फेस्टिवल 2015 : 21 जनवरी से साहित

जयपुर साहित्य महोत्सव2015
ज.सा.म. 2015 में वहीदा रहमान



वहीदा रहमान के सत्र के दौरान हल्की बूंदाबांदी के बीच युवा साहित्य प्रेमी बिना छाते के ही उनकी जिंदगी से जुड़े किस्से सुनते रहे। जैसे ही वहीदा मंच पर आई तो उनकी फिल्म का गाना 'चौदहवीं का चांद हो या आफताब हो' बजा। सत्र में मौजूद लोगों ने वहीदा रहमान का तालियों की गड़गड़ाहट के साथ स्वागत किया। इस सत्र का नाम था- मुझे जीने दो, वहीदा रहमान के साथ वार्तालाप. इसमें वहीदा रहमान के साथ फिल्म इतिहासकार नसरीन मुन्नी कबीर और लेखक व फिल्मकार अर्शिया सत्तार उपस्थित थी. वहीदा ने बताया कि देवानंद उनके फेवरेट हीरो हैं।

वहीदा रहमान ने बताया कि 1956 में जब उनकी पहली फिल्म सीआईडी रिलीज हुई थी, उस वक्त वह फिल्म उद्योग में काफी जिद्दी लड़की हुआ करती थीं। उन्होंने उस समय गुरु दत्त और सीआईडी के निर्देशक राज खोसला द्वारा नया नाम रखने की बात को अस्वीकार कर दिया. उन्हें लगता था की इस नाम में दर्शकों के लिए खिंचाव नहीं है (अर्थात यह नाम सेक्सी नहीं है). उन लोगों ने दिलीप कुमार, मधुबाला, मीना कुमारी, समेत कई कलाकारों के उदाहरण दिए. लेकिन वहीदा किसी कीमत पर नाम बदलने पर तैयार नहीं हुईं.

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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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