Re: खलील जिब्रान और उनकी रचनायें
नई खुशी
ख़लील जिब्रान
एक रात मैंने एक नई खुशी का पता लगाया. जब मैं उसकी सोहबत का आनंद ले रहा था तब एक देव और शैतान मेरे घर की ओर झपटते हुये आये. वे मेरे द्वार पर आकर रुके और मेरी इस नवीन रचना को लेकर झगड़ा करने लगे.
एक ने कहा, “यह पाप है.”
दूसरे ने कहा, यह पुण्य है.”
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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