Re: शायद वह मेरी माँ थी
अंजलि जी, मैंने आपके स्वप्न में देखे हुये दृश्य के विषय में विचार किया है. उक्त स्वप्न के बारे में मैं अपने निष्कर्षों से आपको अवगत कराना चाहता हूँ, जो निम्नलिखित हैं:
अक्सर ऐसा होता है कि कोई व्यक्ति जिससे बहुत अधिक प्यार करता है, उसे खोने का डर भी उसके मन में उतना ही अधिक होता है. यह भावना उन व्यक्तियों में अधिक होगी जो कहीं न कहीं खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं. स्वप्न में जब आपकी माता आपके प्रश्नों का उत्तर नहीं देती तो आप डर जाती हैं कि यह मेरी माँ ही हैं या उनके रूप में कोई मायावी स्त्री. लेकिन क्षणमात्र में ही आप इस शंका को परे हटा कर अपनी माँ को गले से लगा लेती हैं. यह स्थिति खुद में आत्मविश्वास की कमी का द्योतक भी हो सकती है.
यह मेरा विचार है. हो सकता है कि अन्य सदस्य इससे भिन्न मत रखते हों. इसमें कोई अंतिम निष्कर्ष नहीं हो सकता.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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