Re: अनोखे गीत - २
गुलज़ारजी ने 'जींदगी' , 'दिल' आदि शब्दो कों रुपक अलंकार में सबसे ज्यादा प्रयोग किया है । यही शैली ईन गानों को सबसे अलग उठाव देती है। देखीए यहां गुलज़ारजी ने सीधे सीधे जींदगी को कह दीया है के....
तुझ से नाराज़ नहिं जींदगी
ए जीदगी गले लगा ले
तेरे बिना जींदगी से
Last edited by aspundir; 10-03-2014 at 09:35 PM.
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