[QUOTE=dipu;206426]
तेरी चांदनी में नहाऊं मैं और हर तरफ बस अंधेरा हो,
एक चादर में लिपटे दो बदन, एक तेरा हो और एक मेरा हो
तेरे मखमली बदन में,खुशबुऒं के चमन में
सदियों तक वो रात चले,सदियों दूर सवेरा हो
बहुत प्यारा गीत है दीपू जी. हो सकता है महेश भट्ट इसे अपनी अगली फिल्म में लेना चाहें.