Re: " कबीर के दोहे "
क्या धुंदि आखोंमें यारो । समज रखो कछु मनमों ॥
देखादेखी सब जावत है । कौन रह्या इस जगमो ॥
खलक चबिना काल चबावे । कछु पल्लव कछु मुखमों ॥
__________________
हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है कृपया हिंदी में लेखन व् वार्तालाप करे ! हिंदी लिखने के लिए मुझे क्लिक करें!
|