Re: एक लम्बी प्रेम कहानी
उसके साथ बातचीत तो चल रही थी पर मेरी नजर बार बार उठ जाती और उसकी नजर हमेशा मैं जमीन में गड़ा हुआ पाता। बातचीत का यह सिलसिला घंटों चला, विषय तक बात पहूंचते पहूंचते मैंने अपनी पसंद का विषय उसे जीवविज्ञान बता दिया। साथ ही कुछ सवाल भी दागे जैसे अमीबा का प्रजनन कैसे होता है? परागन क्या है? आदि।
कैरियर को लेकर भी बात हुई जिसमें डाक्टर बनने की बात हुई। बात चलती रही, इस बीच उसने एक बार भी अपने पल्लू को संभालने का प्रयास नहीं किया और अंत में जब उसके चेहरे पर नजर गई तो मैं दंग रह गया, वह पसीने से बोथ थी। चेहरे से पसीना पानी बन कर टपक रहा था, ब्लाउज भींग गए थे और एक खास बात थी कि उसकी सांसे जोर जोर से चल रही थी। मैं वहां अजीब सा महसूस करने लगा। इतने देर तक इस विषम परस्थिति में बात करने का पहला अनुभव था। लगा की रगों में खून का बहाव तेज हो गया है और वह फट पड़ेगा। मैं वहां से जाना चाहता था, सो भौजी को आवाज दी,
‘‘जाहीओ’’
‘‘काहे बउआ, बैठो ने, कहते हुए वह आ गई और अन्त में इंटर की पढ़ाई जीवविज्ञान के साथ करने का फैसला हुआ।
इस बीच शाम में हम लोग तालाब के किनारे बरगद के पेंड़ के नीचे बैठना शुरू कर दिया था। इस बैठकी में गांव से लेकर सिनेमा सभी तरह की बातें होती, और यह भी योजना बनती की आज किसका आम तोड़ना है पर आज उस बैठकी में दूसरी बात ही उठ गई। बात सामदेव ने छेड़ी, वह दूसरे के घरों की खबर लाने वाला खबरीलाल था और कौन लड़की का किसके साथ चक्कर चल रहा है इस विषय का वह विशेषज्ञ था। उसकी उम्र भी हम सबसे अधिक थी।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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