इतने बदलावों के बावजूद कैलेंडर में आने वाली मुश्किलें खत्म नहीं हुई और यह मौसम के बदलावों के हिसाब से नही बन सका क्योंकि नुमा ने इसे चंद्रमा के हिसाब से बनाया था जबकि मौसम में बदलाव पृथ्वी द्वारा सुर्य परिक्रमा से होते हैं। इस समस्या से निजाद पाने के लिए 23 फरवरी के बाद 27 दिनों का एक और महीना जोड़ा गया अगले दो सालों में। परंतु पोंटिफ जिसे कैलेंडर में सुधार सुनिश्चित करने का भार सोंपा गया था, उसने अतिरिक्त महिनों को कैलेंडर में सही समय पर नही जोड़ा और इस प्रकार समस्या का कोई उपाय नहीं मिल सका।
रोम के विश्व प्रसिध शासक जुलियस सीजर ने 45 bc में एक विद्वान को नियुक्त कर कैलेंडर को चंद्रमा के अनुसार न रखते हुए सूर्य के हिसाब से रखने का आदेश दिया जैसा कि मिस्त्र के कैलेंडर में किया जाता था। जुलियस सीजर ने हर वर्ष में 10 दिन जोड़ दिए और हर चौथे वर्ष में एक और दिन। अब हर वर्ष 365 दिन और 6 घंटे लंबा था।
एक प्रचलित कहानी के अनुसार जुलियस सीजर ने हर वर्ष फरवरी में एक दिन जोड़कर इसे 29 दिनों का बना दिया था परंतु जब वहां की संसद में फरवरी का नाम बदलकर सेक्सटिलिस किया गया तो फरवरी में से यह एक दिन कम कर दिया गया और यह दिन अगस्त में जोड़ दिया गया। परंतु इस कहानी को बिल्कुल गलत समझा जाता है और इस बात के कोई प्रमाण उपल्ब्ध नहीं हैं कि जुलियस सीजर ने कभी फरवरी में एक अतिरिक्त दिन जोड़ा था।
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Last edited by soni pushpa; 29-02-2016 at 03:31 PM.
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