Re: "आरोप" मेरी पसंदीदा नवलकथा - १
कहानी बहुत रोचक है. आप स्पीड की चिंता बिलकुल न करें, दीप जी. मेरी reading speed भी इससे मिलती जुलती है. आप इत्मीनान से अपनी कहानी सुनायें. हमने अनुराग और तिग्मांशु की कुर्सी की सीट पर फेविकोल लगा दिया है. कोई दिक्कत नहीं है.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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