अमिताभ बच्चन व उनके पिता
(अमित जी की दुर्घटना के संदर्भ में)
जिन दिनों मेरे बच्चे विदेश में रह कर शिक्षा प्राप्त कर रहे थे. तो फोन पर उनकी बात से मुझे उनकी खुशी, नाखुशी, नाराजगी और सेहत का पता चल जाता था. मेरी माँ शुरू से ही धीर गंभीर स्वभाव की थीं जबकि पिता जी हमें बीमार देख कर चिंतित हो कर स्वयं बीमार जैसे हो जाते थे. कुली फिल्म की शूटिंग के दौरान मेरे दुर्घटनाग्रस्त हो जाने पर भी वे अपने कक्ष में ही रहते थे. मुझे देखने कभी अस्पताल नहीं आये और न ही किसी से बोलते थे. जया ने मुझसे कहा कि मेरी दुर्घटना की बात सुनते ही उन्होंने मौन धारण कर लिया था. वे किसी से कोई पूछताछ भी नहीं करते थे.