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केजरीवाल ने पीएम, सोनिया को दी सार्वजनिक बहस की चुनौती, कांग्रेस ने किया खारिज
नई दिल्ली। अपने एनजीओ और सरकारी सेवा के मुद्दों पर सवाल पूछे जाने पर अरविंद केजरीवाल ने आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को घोटालों और भ्रष्टाचार पर सार्वजनिक बहस की चुनौती दी । कांग्रेस ने इंडिया एंगेस्ट करप्शन कार्यकर्ता की चुनौती को खारिज करते हुए कहा कि पार्टी का प्रखंड स्तर का नेता भी उनके ‘आरोपों और दमबाजी के कोलाहल’ को लेकर उनसे निपट सकता है । केजरीवाल ने कहा कि आईएएसी अपने उपर लगे सवालों का जवाब तभी देगा जब कांग्रेस नेतृत्व और राबर्ट वाड्रा भ्रष्टाचार के सवालों पर खुद को पाक साफ साबित करें । अपने एनजीओ को मिलने वाले धन और अन्य मुद्दों पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह द्वारा सवाल पूछे जाने के एक दिन बाद केजरीवाल ने पलटवार किया और कहा कि वह सवालों के जवाब देने के इच्छुक हैं, लेकिन सिंह को पहले प्रधानमंत्री सिंह और अन्य को लोगों द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब देने के लिए राजी कराना चाहिए । केजरीवाल ने कहा, ‘हमने राबर्ट वाड्रा और और प्रधानमंत्री से कुछ सवाल किए थे । उन्हें पहले जवाब देने दीजिए । तब हम दिग्विजय सिंह के सारे सवालों का जवाब देंगे । मैं सिंह से आग्रह करता हूं कि वह सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री या राहुल गांधी को सार्वजनिक बहस के लिए तैयार करें ।’ केजरीवाल ने संवाददाताओं से कहा, ‘आइए एक दूसरे से सवाल करें और लोगों को भी हमसें व्यक्तिगत और सार्वजनिक मुद्दों पर सवाल करने दीजिए । क्या दिग्विजय सिंह तैयार हैं ? अगर वह अपने पार्टी के आकाओं या प्रधानमंत्री को राजी नहीं कर सकते तो लोग सोचेंगे कि वह सारा कुछ सस्ती लोकप्रियता के लिए या ध्यान आकर्षित करने के लिए कर रहे हैं ।’ उन्होंने कहा कि नेतृत्व ने वाड्रा या लोकपाल पर सवालों का जवाब नहीं दिया और वह चाहते हैं कि सिंह प्रधानमंत्री, वाड्रा और हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा से जवाब लें । उन्होंने कहा, ‘वह हमारे निजी जीवन को लेकर कितने भी सवाल कर सकते हैं । हम उनके जवाब देंगे । तब हम उनसे पूछेंगे ... उन्हें भी जनता के बीच जवाब देना चाहिए ।’ कांग्रेस और दिग्विजय सिंह ने केजरीवाल की चुनौती को खारिज किया । कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने केजरीवाल की चुनौती पर कहा, ‘प्रखंड स्तर का ही हमारा कोई प्रवक्ता इन आरोपों से निपटने के लिए काफी है ।’ तिवारी ने कहा, ‘केजरीवाल अपने गुरु (मोदी) की तरह हमेशा क्षमता से ज्यादा दम भरते हैं और उस पुरानी कहावत को भूल जाते हैं कि चांद पर थूकने पर वह अपने ही मुंह पर पड़ता है ।’ सिंह ने कहा कि केजरीवाल अपनी तुलना देश के प्रधानमंत्री से नहीं कर सकते और उन्होंने कार्यकर्ता को खुद के साथ खुली बहस की चुनौती दी। सिंह ने उन्हें याद दिलाया कि वह 10 सालों तक मुख्यमंत्री रह चुके हैं ।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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