Re: ताजमहल को कलंक कहने वाले अपने दिमाग का इला
[QUOTE=rajnish manga;561890]ताजमहल
पार्टी के किनारा करने के बाद भी सोम के बयान को पार्टी के एक सांसद अंशुल वर्मा का समर्थन मिला है. वर्मा ने कहा कि ताजमहल पर्यटन स्थल है और इसका भारतीय संस्कृति से कोई लेना-देना नहीं है.
जून में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा था कि ताजमहल भारतीय संस्कृति का प्रतीक नहीं है. हाल ही में यूपी टूरिज़्म द्वारा प्रकाशित बुकलेट में ताजमहल को ऐतिहासिक स्थानों की सूची से भी बाहर कर दिया गया था.
ताजमहल को लेकर सोम की विवादित टिप्पणी पर एआईएमआईएम के अध्यक्ष सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने चुटकी लेते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लाल किले से झंडा फहराना बंद कर देना चाहिए, क्योंकि लाल किला भी किसी गद्दार ने ही बनाया है. उन्होंने यह भी कहा कि यूनेस्को को लाल किले को वर्ल्ड हेरिटेज की सूची से निकाला जाना चाहिए.
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी सोम के बयान पर ट्वीट करके तंज किया. अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘अब 15 अगस्त को लाल किला से भाषण नहीं होगा? प्रधानमंत्री नेहरू स्टेडियम से राष्ट्र को संबोधित करेंगे.’
ताजमहल के बारे में मूर्खतापूर्ण टिप्पणियाँ करने वाले लोग न अपना भला कर रहे हैं, न अपनी पार्टी का और न अपने देश का. ये लोग उस विचारधारा का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसकी वजह से भारत सदियों तक गुलाम रहा, कभी केंद्रीकृत ताकत नहीं बन सका. ऐसे लोगों को अपने दिमाग का बाकायदा इलाज कराना चाहिए.
pasand apni apni khayal apna apna bhai .. ye ek eitihasik emarat hai jo apni khubsurti ke liye vishv ke ajubon me gini jati hai or puri dunia se log khaskar ke ise dekhne i ko aate hain .
dhanywad bhai hamse sheyar karne ke liye
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