16-09-2013, 07:09 AM
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Re: डार्क सेंट की पाठशाला
मनोबल में होती है ताकत
- बाढ़ आ रही थी, लोग सो रहे थे। सुकरात ने हल्ला मचाया कि लोग सावधान हों, जीवन बचाएं, जीवन के सच को पकड़ें और अज्ञान की बाढ़ में न डूबें। पर लोगों ने सोचा, यह हमारी नींद खराब कर रहा है। और उन्होंने सुकरात को जहर पिला दिया। ईसा ने अपने मतलब की बात कभी किसी से नहीं कही। प्रेम और सेवा ही उनका संदेश था। पर लोगों ने भड़क कर उन्हें क्रूरता के साथ सूली पर चढ़ा दिया। ब्रूनो ने क्या कहा था लोगों को? सिर्फ यही कि किसी और की बात मानने से पहले अपनी आत्मा की आवाज सुनो। पर लोगों ने उसे रोम के उस चौराहे पर जीवित जला दिया, जिस पर आज उसकी विशाल मूर्ति खड़ी है। जब चारों तरफ पाखंड का अंधेरा था, तब स्वामी दयानंद ने सच्ची राह दिखाई, साहस किया। पर क्या हुआ? उन्हीं के लोगों ने उन्हें कांच पिला कर मारने की कोशिश की। गुलामी से मुक्ति दिलाने वाले महात्मा गांधी का जीवन क्या ऐसा था कि उनकी छाती को गोलियों से छलनी कर दिया जाए? यह कैसी मानसिकता के वारिस हैं हम? कायर व्यक्ति चमत्कार की कल्पना करता है। जिंदगी के सवालों से घिरा व्यक्ति जीवन के सच को ढूंढने की कोशिश करता है। यह कोशिश अतीत से वर्तमान तक निरंतर चलती रहती है। अनेक महापुरुषों ने इसके लिए अपना जीवन होम कर दिया। लेकिन क्या कारण है कि हम चाह कर भी अपनी जिंदगी का सच नहीं ढूंढ पाते? जो इस सच से रूबरू कराने की कोशिश करते हैं, हम उन्हें क्रूरतापूर्वक नष्ट कर देते हैं। जो सुधारकों के सामने अकड़ कर दंभ भाव से खड़े होते हैं वही सुधारकों के बलिदान के बाद उनकी स्मृति में सबसे पहले नतमस्तक हुए हैं। इसलिए बलिदान ही मूल्य है समाज के लिए और बलिदान ही मूल्य है सुधार के लिए। मनोबल और संकल्प ही वह शक्ति है जो किसी भटके हुए व्यक्ति को लक्ष्य तक पहुंचाती है। घुटने टेके हुए व्यक्ति को हाथ पकड़ कर उठा देती है। अंधेरे में रोशनी दिखाती है।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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