Quote:
Originally Posted by rajnish manga
रजत जी, यदि आप सूत्र में व्यक्त की गई अंतर्वस्तु के दायरे में रह कर अपनी विवेकपूर्ण टिप्पणी प्रस्तुत करेंगे तो सूत्र और भी उपयोगी हो जायेगा. इससे हट कर, सूत्र जारी करने वाले सदस्य में क्या-क्या करने की क्षमता है, क्या-क्या बनने की क्षमता है, या उनमें क्या क्या कलायें छिपी हुयी हैं, इससे आपका कोई सरोकार नहीं होना चाहिए. क्या कविता और क्या debate, लगता है आप हर जगह मूल विषय से हट कर अपनी टिप्पणियों के ज़रिये सम्बंधित सदस्य की खिल्ली उड़ाने पर ही अपना ध्यान बनाये रखते हैं. इस प्रवृत्ति से न तो उनके सम्मान में बढ़ोत्तरी होती है और न आपकी प्रतिष्ठा में इज़ाफा होता है. आशा है आप मेरी इस बात पर गौर करेंगे.
|
.................................................. .................................................. .................
बहुत बहुत धन्यवाद भाई ... जी सही कहा आपने कई बार हम लेखको की जब एईसी
खिल्ली उड़ाई जाती है तब यहाँ आने का मन ही नहीं करता क्यूंकि यदि अछि और
सबकी भलाई की बातें लिखने के बाद भी यदि किसी को प्रोब्लेम्स हैं तो यहाँ आना
ही क्यूँ? और लिखना ही क्यों एइसा लगा करता है कई बार हमें ..
हम खास् करके
मैं और पवित्रा जी कुछ भी लिखते हैं हमारे लेखों की और कविताओं की
ज्यदातर मजाक बनाई जाती है .. मैं मानती हूँ की रजत जी जितने हम ज्ञानी
नहीं अल्प ज्ञान है हमारा पर हम हमारे लिखने का जो शौक है सो कुछ न कुछ
लिखते रहतेहैं ... हम कोई व्यावसायिक लेखक नहीं की हमसे भूलें न हों . रजत जी से निवेदन है की आपको कहीं हमारी गलतियाँ दिखे निसंदेह हमें
बताएं ताकि हम उन्हें सुधार सके..किन्तु कृपया मजाक न बनायें ..
यह मंच विचारों की आप ले करने का है और हम जैसे लेखकों के लिए कुछ सीखते रहने का मंच है न की कोई प्रतियोगिता हो रही है यहाँ की आपस में होड़ लगाई जाय की कौन सबसे आगे कौन अच्छा कौन बुरा ... यहाँ आपस में हम सब जितना मिलकर एकदूजे के सहयोग से लिखेंगे उतना ही सबके लिए अच्छा है न कोई व्यवसाय तो है नहीं ये सो प्लीज आप सहयोग करे और विषय जो चल रहा है बहस के लिए उसे ही आगे रखें न की और बातें बिच में लायें ... यदि मेरी कोई बात आपको बुरी लगी हो तो छमा प्रार्थी हूँ रजत जी ..धन्यवाद