2g घोटाला: रतन टाटा का भरोसा जीत कर आगे बढ़ीं नीरा राडिया
2जी स्*पेक्*ट्रम लाइसेंस में हुए कथित घोटाले के सिलसिले में चर्चा में आईं नीरा राडिया लियाजनिंग करने वाली देश की बड़ी हस्तियों में शुमार हैं। उन्*होंने 1990 में विदेशी कंपनी सिंगापुर एयरलाइंस के भारत में प्रवेश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हालांकि बाद में सिंगापुर एयरलाइंस ने भारत में विमान सेवा शुरू नहीं की, लेकिन राडिया तत्कालीन उड्डयन मंत्री अनंत कुमार और टाटा समूह के अध्यक्ष रतन टाटा पर अपना प्रभाव छोड़ने में सफल रहीं। रतन टाटा सिंगापुर एयरलाइंस के भारतीय पार्टनर थे।
हाल ही में रतन टाटा ने खुलासा किया था कि सिंगापुर एयरलाइंस के साथ मिल कर वह विमानन कंपनी खोलना चाहते थे, लेकिन एक मंत्री ने उनसे 15 करोड़ की रिश्*वत मांगी थी। उन्*होंने रिश्*वत देने से इनकार कर दिया था और एयरलाइन कंपनी खोलने का उनका सपना अधूरा ही रह गया।
राडिया ने व्यावसायिक जगत में 2000 में तब हड़कंप मचाया जब उन्होंने केवल 1 लाख रुपए की पूंजी के साथ खुद की एयरलाइंस कंपनी शुरू करने के लिए लाइसेंस मांगा। हालांकि उनके लाइसेंस का आवेदन निरस्त कर दिया गया। उस समय नागरिक उड्डयन मंत्री अनंत कुमार थे।
लेकिन तब तक रतन टाटा राडिया से काफी प्रभावित हो चुके थे। उन्होंने राडिया को टाटा टेलीसर्विसेज से जुड़े मामलों में आ रही अड़चनें सुलझाने की जबाबदारी सौंप दी। इसके बाद (2001 में) वैष्*णवी कार्पोरेट कम्युनिकेशंस कंपनी बनाई गई। राडिया ने टाटा समूह से नजदीकी का भरपूर लाभ लिया और वे करीब 50 बड़ी कंपनियों को सलाह देने का काम करने लगीं। मुकेश अंबानी ने भी 2008-09 में मीडिया प्रबंधन के लिए राडिया की कंपनी को सलाहकार बनाया।
इसी बीच राडिया 2जी लाइसेंस आवंटन के लिए सक्रिय हो गईं। इसके बाद उन्होंने दूरसंचार विभाग से जुड़े कई अफसरों से बेहतर संबंध बनाए। बड़ी कंपनियों और सरकार के बीच अहम कड़ी का किरदार निभाने वाली नीरा राडिया ने प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ में माना है कि वह टाटा टेलीसर्विसेज और यूनीटेक वायरलेस के लिए पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा से लाइजनिंग कर रहीं थीं। उन्हें दो कंपनियों से उन्हें सलाह देने के एवज में 60 करोड़ की रकम मिली थी।
राडिया का कैरियर 2009-10 में चरम पर था। उनकी सभी कंपनियों का सालाना टर्नओवर 100 से 120 करोड़ रुपए के आसपास आंका गया।
राडिया कीनिया में पैदा हुईं और उनके पास ब्रिटेन का पासपोर्ट है।
नाम कमाने के बाद बदनामी
नीरा राडिया पर यह भी आरोप लगते रहे हैं कि उन्*होंने ए राजा को दूरसंचार मंत्री बनवाने के लिए काफी पैरवी की थी। इसके लिए उन्*होंने देश के दो बड़े पत्रकारों की भी मदद लेने की कोशिश की थी। इस संबंध में बातचीत की एक रिकॉर्डिंग भी सार्वजनिक हो चुकी है और इस पर काफी विवाद हो रहा है।
प्रवर्तन निदेशालय ने नीरा राडिया से 2जी स्पेक्ट्रम के मामले में बुधवार को लंबी पूछताछ की। पूछताछ मुख्यतः 2 जी घोटाला, उनके राजा से संबंध और 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में शामिल कंपनियों के राडिया से संबंधों पर ही केंद्रित रही। राडिया की कंपनी वैश्नवी कार्पोरेट कम्युनिकेशंस द्वारा जारी बयान में आरोप लगाया गया कि उनके द्वारा टाटा टेलीसर्विसेज की पैरवी किए जाने के बाद इस कंपनी के साथ सौतेला व्यवहार किया गया।
निदेशालय ने राडिया का 20 पेज का बयान दर्ज किया है. प्रवर्तन निदेशालय में उप निदेशक प्रभा कांत ने बताया कि अभी राडिया से और भी दस्तावेज मंगवाए गए हैं। उनसे और पूछताछ बाकी है। अधिकारियों ने बताया कि राडिया वैष्*णवी कार्पोरेट कंसल्टेंसी के अलावा विटकॉम, न्योकॉम, मैजिक एयरलाइंस और नोएसिस कंसल्टेंसी सर्विसेज की भी डायरेक्*टर हैं। पूछताछ में इन कंपनियों के पास अलग अलग स्रोतों से जमा हुई रकम के बारे में भी जानकारी मांगी गई।