Re: हँसना मना हैं :.........
बाबा मटकनाथ को भक्तों ने चने के झाड़ पर चढ़ा दिया, तो बाबा ने दिन भर व्रत का व्रत रख लिया. 12 बजे से ही बाबा को भूख ने सताना शुरू कर दिया. 2 बजे बाबा ने कमरे में लेटे लेटे भक्तों से पूछा : सारा दिन हो गया, सूरज डूबा की नहीं.
भक्त : नहीं महाराज देर है.
बाबा ने 4 बजे पूछा : सूरज डूबा की नहीं.
भक्त : नहीं महाराज देर है.
बाबा ने शाम 6 बजे पूछा : सूरज डूबा की नहीं.
भक्त : बस डूबने ही वाला है महाराज.
बाबा : मुझे पता है, ये अपने साथ मुझे भी लेकर डूबेगा..”
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