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Old 03-08-2016, 12:16 PM   #7
rajnish manga
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Default Re: नौ साल छोटी पत्नी

तृप्ता ने टेबल घसीट कर कुशल के आगे कर दिया और उस पर शेव का सामान टिका दिया। कुशल मुँह पर हाथ फेरते हुए आईने में अपना चेहरा देखने लगा।

'आप अब शेव बना लीजिए।तृप्ता ने कहा और कुशल की उतारी हुई बुश्शर्ट को चुहिया की दुम की तरह पकड़ कर बाथरूम में ले गयी।

कुशल ने रेजर में ब्लेड फिट किया और देर तक मुँह पर साबुन की झाग करता रहा, परन्तु उसका शेव बनाने का जी नहीं हो रहा था। उसे मालूम था कि अगर उसने शेव बना ली तो नहाना भी पड़ेगा और नहाने के लिए वह बिल्कुल तैयार नहीं था। उसकी पिण्डलियों में दर्द हो रहा था और देह का हर जोड़ टूट रहा था। यह सुबह से हो रहा था। और यही कारण था कि वह सुबह भी बिना नहाये निकल गया था। इस अद्भुत थकावट और विचित्र दर्द से कुन्द हो कर आज सुबह उठते ही तृप्ता से कहा था कि क्या कारण है वह कल से अतिरिक्त प्रेम कर रही है?

कुशल को चेहरे पर झाग करते देख तृप्ता ने पूछा कि वह क्या सोच रहा है?

'यही कि...कुशल ने रेजर को पानी में गीला करे हुए कहा, ‘इस पहली को एक नयी खाट ले आऊँगा।

'तृप्ता को सुझाव बड़ा फिजूल लगा, बोली, ‘मैं तो बहुत कम जगह घेरती हूँ।

'कई बातें अभी तुम्हारी समझ में नहीं आ सकतीं। तुम अभी बच्ची हो...।कुशल ने आईने में से तृप्ता की ओर कनखियों से देखते हुए कहा, ‘कई बार तो तुम्हारे मुँह से दूध की बू भी आती है।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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