Re: नौ साल छोटी पत्नी
'और क्या? खत लिखने में मुझे तो कोई बुराई नजर नहीं आती।’ कुशल ने जान-बूझ कर तृप्ता से आँख नहीं मिलाई। तृप्ता को कुछ सोचते हुए पा उसने कहा, ‘खत लिखने के अलावा भी कुछ करती हो, मैं सोच नहीं सकता। तुम इस बात को क्यों भूल जाती हो कि अक्सर लड़कियाँ डरपोक होती हैं।’
'आपको उसी दिन पता चलेगा, जब उसके भागने की खबर मिलेगी।’
'अगर सुब्बी ऐसी लड़की है, तो तुम उसके साथ सम्बन्ध क्यों रखे हो?'
'मैं तो उसे समझाती रहती हूँ।’
'क्या समझाती रहती हो?’ कुशल के गाल पर एक कट आ गया।
'यही कि दर्शन खत लिखता है तो वह जवाब क्यों देती है?’
कुशल ने तौलिए से गला साफ किया। दूसरे ही क्षण खून का एक और कतरा चमकने लगा।
तृप्ता भाग कर डेटाल ले आई। रुई से उसके गाल पर लगाते हुए बोली, ‘मैंने उसे यह भी समझाया है कि वह दर्शन से कहे कि जब तक वह उसके पिछले खत नहीं लौटाएगा, वह उससे बात नहीं करेगी।’
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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