Re: खलील जिब्रान और उनकी रचनायें
सात महीने बाद मुझे एक ज्योतिषी ने देखा और माँ से कहा, “तुम्हारा बेटा बहुत बड़ा राजनीतिज्ञ बनेगा अर संसार के लोगों के लिए पथ-प्रदर्शक बनेगा.”
यह सुन कर मैं चीख उठा, “यह भाविश्वानी बिलकुल झूठ है क्योंकि मैं एक गायक के सिवा कुछ नहीं बनूँगा.”
लेकिन इस आयु में भी मेरी भाषा को कोई न समझ सका.मुझे महान आश्चर्य हुआ. अब मेरी आयु 33 वर्ष की है और मेरी माँ, मेरी अन्ना दाई और मुल्ला सब मर चुके हैं. लेकिन वह ज्योतिषी अभी तक जीवित है. कल वह मुझे मंदिर के द्वार के बाहर मिल गया. हम दोनों आपस में बात करने लगे. उसने कहा, “मैं तो शुरू से ही जानता था कि तुम एक गायक बनोगे, मैंने तुम्हारे बचपन में ही यह भविष्यवाणी की थी.”
मैंने उसकी बात का विश्वास कर लिया क्योंकि अब मैं स्वयं अपनी पहली वाली भाषा को भूल चुका था.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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