Re: इधर-उधर से
लघु प्रसंग
1.
एक लोमड़ी ने सुबह के समय अपनी छाया पर दृष्टि डाली और कहा,
"मुझे आज कलेवे के लिए ऊँट मिलना चाहिए."
उसने सुबह का सारा समय ऊंट को ढूँढने में व्यतीत कर दिया, लेकिन जब दोपहर को उसने दूसरी बार अपनी छाया देखी तो कहा,
"मेरे लिए एक चूहा ही काफी होगा."
2.
एक बार जब मैं एक मृतक दास को दफ़न कर रहा था, तो कब्र खोदने वाला मेरे पास आया और बोला,
"जितने भी लोग यहाँ दफ़न करने के लिए आते हैं, उनमे से मैं तुम्हें पसंद करता हूँ."
मैंने कहा,
"यह सुन कर मुझे ख़ुशी हुयी.; लेकिन आखिर तुम मुझे क्यों पसंद करते हो?"
उसने जवाब दिया,
"बात यह है कि और लोग तो यहाँ रोते हुए आते हैं और रोते हुए जाते हैं, मगर तुम हँसते हुए आते हो और हँसते हुए जा रहे हो."
लेखक: खलील जिब्रान
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