तो विभाग बदलवा दें न की नया सूत्र बनाए। योगदान और सहयोग प्रदान करें।
वयस्क{प्रोन} नहीं बस सामान्य।
प्रविष्टियां भी सामान्य फोन्ट में करें न की चिल्ला कर।
धन्यवाद
Quote:
Originally Posted by कहानीकार
@ युवराज जी आपका कथन उचित है पर हमारे मित्र ने जो अभी लिखा है की अनमोल मोती रस रंग में देख लें, क्या "रस रंग " और "हिंदी साहित्य" दोनों एक ही है !
या मेरे मित्र ने सूत्र गलत स्थान पर बना दिया....
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