अनन्त
इस संसार में कुछ भी अनन्त नहीं। लोग आकाश को अनन्त मानते हैं, किन्तु हमारा यह कहना है कि यह एक मिथक है। आकाश का भी एक अन्त है। बस हम उस अन्त को देख नहीं पाते। जो चीज़ हम देख नहीं पाते उसे अनन्त कह देना न्यायसंगत नहीं। टेलीफ़ोन या मोबाइल पर अनन्त वार्तालाप करने की कोशिश करने वाले भी नेटवर्क फेल हो जाने के कारण अक्सर नाकाम हो जाते हैं। दिग्गज बल्लेबाज़ भी अनन्त रन नहीं बना पाते। या तो सौ रन बनाकर आऊट हो जाते हैं और या फिर सौ रन बनाने के चक्कर में आउट हो जाते हैं। अतः अनन्त प्राप्ति की परिकल्पना मात्र से थरथराना कैसा? अनन्त प्राप्ति की परिकल्पना से भयभीत होने के स्थान पर अनन्त प्राप्ति के लिए प्रयास करने मात्र से आपको इतनी विशाल उपलब्धि प्राप्त होती है जिससे आपको असीमित आनन्द की प्राप्ति होती है।....
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Last edited by rajnish manga; 23-07-2015 at 08:10 AM.
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