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Originally Posted by Rajat Vynar
आपके एडिट के कारण रचना से हास्य का प्रभाव विलुप्त हो चुका है। फिर भी अच्छा किया आपने हटा दिया नहीं तो लेख पढ़कर कुछ लोग अपने मन में अनावश्यक रूप से 'बहुत बड़ी' गलतफहमी पाल लेते। फिर भी हमारे पाठकों के लिए संशोधित भाग को शीघ्र ही हमारे ब्लॉग पेज पर प्रकाशित किया जा रहा है, जिसकी सूचना ट्विटर पर दी जाएगी।
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एक ठो करेकशन है स्वामी जी...
लाल किए गए शब्दो को कुछ ऐसे पढ़ा जाये
'अनंत' गलतफहमी