Re: अनन्त
आपसे सहमत हु, अनंत एक परिकल्पना है जिसका उद्देश्य शुन्य के अस्तित्व को समझाना है, ये एक गणित के माथापच्ची है.संभवतः अनंत का अविष्कार भी अर्याभात्त ने शुन्य के साथ ही किया हो.परन्तु शुन्य तो होता है, इस लिए अनंत भी होता हो शायद, क्युकी अगर शुन्य न होता तो अर्याभात्त न होते पर आर्याभात्त तो है, खीर ये सब तो दर्शन शास्त्र के चक्कर है कहा निकल पाया इनसे आज तक कोई भी.
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