Re: सुभाष चन्द्र बोस की मौत का रहस्य
गृह मंत्रालय ने 91 दस्तावेजों की सामग्री सार्वजनिक की है, लेकिन 100 से ज्यादा दस्तावेजों की सामग्रियों को सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया। काउंटर इंटेलिजेंस कोर ने नेताजी के निकट सहयोगी हबीबुर रहमान से पूछताछ की थी। कोर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि फारमुसा (अब ताइवान) में ताइहोकु (अब ताइपे) से उड़ान भरने के बाद नेताजी का विमान बहुत ऊंचाई पर नहीं पहुंचा था, जब उन्होंने एक जबरदस्त विस्फोट की आवाज सुनी, विमान बुरी तरह डोल रहा था।
रहमान ने जांचकर्ताओं को बताया कि वह नेताजी के साथ ही विमान में सवार थे। 18 अगस्त 1945 को ताइहोकू से उड़ान भरने के बाद विमान ने अपना नियंत्रण खो दिया और उसमें आग लग गई। कोर ने 29 सितंबर 1945 की अपनी रिपोर्ट में कहा कि नेताजी विमान में जिस सीट पर बैठे थे वह पेट्रोल टंकी के पास थी। दुर्घटना के समय टंकी में विस्फोट हो गया और जलता ईंधन बोस के कपड़ों पर फैल गया।
यह रिपोर्ट दिल्ली की एक संगठन 'मिशन नेताजी' को सार्वजनिक किया गया है। संगठन ने सूचना के अधिकार के तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय से नेताजी की रहस्यमय मौत से संबंधित दस्तावेजों उपलब्ध कराने की मांग की थी।
|