पल भर में ये क्या हो गया!
ईस गीत का अंतरा भी कितना सुंदर लिखा गया था...
आशा की छोटी सी नैया, ले के चली पुरवैया,
डोले डोले, झुमका बोले. चुपके से ये भेद खोले...
आ जाएगा.....आ जाएगा...प्यार से तुम बुलाना!
दोनो अंतरे के अंत में "आ जाएगा...आजाएगा" और "मिल जाएगा....मिल जाएगा" वाली पंक्तियां सहमे मन को बहुत सी ढाढस बंधा जाते है।