Re: प्राचीन सूफ़ी संत और उनका मानव प्रेम
8. जब शत्रु की कोई चाल नहीं चलती तो वह मित्रता करता है और इस तरह मित्रता की आढ़ में वह वही करता है जो शत्रुता में नहीं कर सका.
9. सांप के सर को अपने बैरी से कुचलवाओ. या तो साम से पिंड छूटेगा या बैरी से.
10. जब तक तुम्हें पूर्ण विश्वास न हो तुम्हारी बात पसंद आयेगी तब तक बादशाह के सामने किसी की निंदा मत करो, अन्यथा तुम्हें स्वयं हानि उठानी पड़ेगी.
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